जम्मू कश्मीर से मिटा हिजबुल मुजाहिद्दीन का नाम. 31 साल चली लंबी लड़ाई के बाद सेना को मिली कामयाबी

जम्मू कश्मीर वो जगह जो आतंक के नाम से भी खौफ खा रही थी. घाटी का वो इलाका 31 साल की लंबी लड़ाई के बाद अब आतंकियों की दहशत से मुक्त हो चुका है. सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के चलते यहां आतंक फैलाने वालों की शामत आ चुकी है. सुरक्षा बलों की इसी बहादुरी क वजह से आंतकियों का गढ़ कहा जाने वाला दक्षिण कश्मीर का पुलवामा सेक्टर अब आतंक से मुक्ति पा चुका है. पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से भारतीय सुरक्षा बलों ने जिस तरह आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया उसके बाद अब त्राल क्षेत्र में हिजबुल मुजाहिदीन का पूरी तरह सफाया हो चुका है. बताया जा रहा है कि यहां अब हिजबुल का एक भी सक्रिय आतंकी नहीं बचा है. शुक्रवार को त्राल के चेवा उल्लार इलाके में सुरक्षा बलों ने हिजबुल के तीन आतंकी मार गिराए. यहां 1989 से आतंकी सक्रिय बताए जा रहे हैं. कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार के अनुसार 31 साल की लंबी लड़ाई के बाद सुरक्षा बलों को ये कामयाबी मिली है. आईजी विजय कुमार ने कहा कि यहां आईईडी लगाकर सेना पर हमला करने के खतरे बढ़ते जा रहे थे. इसके लिए सेना को अलर्ट भी किया गया है. इससे समझा जा सकता है कि सेना आतंकियों के सफाये में जरूर लगी है पर खतरा उन पर भी कम नहीं है.
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