पांच जून से पांच जुलाई के बीच तीन ग्रहण पड़ने वाले हैं. जिसमें से दो चंद्र और एक सूर्य ग्रहण है. ज्योतिषों का आंकल है कि इन तीनों ग्रहण के परिणाम अच्छे नहीं होंगे. सैकड़ों वर्षों बाद बन रहा ये अद्भूत संयोग कई मुसीबतें लेकर आएगा. पांच जून की रात सवा ग्यारह से छह जून की रात दो बज कर चौंतीस मिनट तक ग्रहम रहेगा. जिसमें शुक्र वक्री और अस्त रहेगा. गुरू और शनि भी वक्री होंगें. जिसका प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. 21 जून को भी छह ग्रह वक्री होंगे. जो बड़े संकट का संकेत है. ग्रहण से दुनिया में प्राकृतिक आपदा के साथ साथ महामारी भी बढ़ने की आशंका है. आज के दौर में ये महामारी तो कोरोना ही है. इस हिसाब से माना जाए तो कोरोना भी देश में अपना पैर पसारेगा. जिससे पूरे देश को नुकसान होगा.