महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी शिवसेना मिलजुलकर चुनाव लड़ेंगी या नहीं. ये अभी तक तय नहीं है. लेकिन इस बार इन दोनों का खेल जरूर बिगड़ेगा ये तय माना जा सकता है. क्योंकि इस बार राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस भी मैदान में हो सकती है. वैसे अब तक एमएनएस ने चुनाव में कोई कमाल नहीं दिखाया है. पर ये तय है कि अगर एमएनएस दमखम के साथ मैदान में उतरी तो फिर शिवसेना को ही सबसे ज्यादा खतरा होगा. फिलहाल एमएनएस ने ऐसा कोई एलान नहीं किया है. पर सुगबुगाहटें यही हैं कि इस बार राज ठाकरे चुप नहीं बैठेंगे. और अगर ऐसा हुआ तो फिर जाहिर है खामियाजा शिवसेना ही भुगतेगी और अपरोक्ष रूप से बीजेपी भी इससे बच नहीं सकेगी. क्योंकि शिवसेना और एमएनएस दोनों तकरीबन एक सी ही विचारधारा के हैं. तो वोटर बंटने का खतरा भी इन्हीं पार्टियों को है. जाहिर है बीजेपी का नुकसान होगा तो फायदा कांग्रेस या एनसीपी को होगा. जिनकी सीटें बढ़ें या न बढ़े लेकिन बीजेपी शिवसेना की सीटें घटने से इनकी पांचों उंगलियां जरूर घी में होंगी.