दो राज्यों के चुनावों के बाद अब विधानसभा चुनाव का नंबर झारखंड का है… भाजपा अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई है और छोटे दलों को साधने का काम भी सीएम रघुवर दास ने शुरू कर दिया है… जिस प्रकार हरियाणा में चौटाला का चेहरा किंगमेकर के रूप में उभर कर सामने आया है उसी प्रकार झारखंड में भी चौटाला की तरह मरांडी किंगमेकर बन सकते हैं… कारण ये है कि वर्तमान सरकार में भी कुछ विधायक और मंत्री ऐसे हैं जिनके चुनाव जीतने पर संशय की स्थिति है… जिसके कारण भाजपा की सीटें आने वाले चुनाव में कम हो सकतीं हैं… ऐसे में भाजपा को सरकार बनाने के लिए बाबूलाल मरांडी के समर्थन की जरूरत पड़ सकती है… क्योंकि चौटाला की तरह ही मरांडी ने भी खुले तौर पर चुनाव लड़ने की मंशा पहले ही जाहिर कर दी है…जिसके बाद भाजपा को ही नुकसान उठाना पड़ सकता है…. ऐसे में भाजपा भी चाहेगी कि फिर से झारखंड में सरकार बनाने की ख्वाहिश पूरी हो… इसके लिए भाजपा को छोटे दलों का साथ लेकर ही सरकार बनाने की मंशा पूरी करनी होगी… और इसके लिए एकमात्र दल झारखंड विकास मोर्चा ही है जोकि महागठबंधन में शामिल नहीं हुआ है… तो देखते हैं कि भाजपा हरियाणा की तरह ही किंगमेकर की भूमिका में बाबूलाल मरांडी के सर पर ताज रखती है या अपने दम पर चुनावी नैया को पार लगा पाती है