जिस दिन से कांग्रेस की सरकार बनी है उसी दिन से मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी अपनी पार्टी बीजेपी में बेचैनी महसूस कर रहे थे. कम से कम उनके हाव भाव और सियासत का उनका अंदाज तो यही कह रहा था. जब विधानसभा में वोटिंग का टाइम आया तब भी त्रिपाठी ने क्रॉस वोटिंग की. और बीजेपी को धोखा दिया. इस बार भी जब शिवराज सिंह चौहान ने अपने सभी विधायकों की राज्यपाल के सामने परेड करवाई. उस वक्त भी नारायाण त्रिपाठी ने बीजेपी का साथ देने की जगह मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करना मुनासिब समझा. इस मुलाकात का सबब जो भी हो त्रिपाठी ने इस मुलाकात को क्षेत्र की समस्या से जुड़ा बताया. जो सरकार खुद न हीं जानती कि वो कितना चलने वाली है उस सरकार के सामने त्रिपाठी ने मैहर को जिला बनाने की पेशकश फिर रखी. अब त्रिपाठी ने इस बैठक में क्या घुट्टी पिलाई या क्या पैंतरा चला ये तो वही बता सकते हैं पर बीजेपी से उनकी दगाबाजी काम कर गई. अल्पमत वाली कमलनाथ सरकार ने अपनी कैबिनेट बैठक में चाचौड़ा और नागदा के अलावा मैहर को भी जिला बनाने की सैंद्धांतिक मंजूरी दे दी है. पर इस कैबिनेट के फैसले कितने मान्य होंगे ये फिलहाल कहना मुश्किल है.