मध्यप्रदेश में सरकार बदली तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के दिन भी बदल गए. शिवराज सरकार ही नहीं पूरी बीजेपी फिलहाल महाराज पर मेहरबान है. मुश्किलें तो सिंधिया की तब बड़ी थीं जब वो कांग्रेस छोड़ अचानक बीजेपी में शामिल हुए. जाहिर सी बात है कि कांग्रेस को भी गुस्सा आना ही था. इसी गुस्से में सिंधिया पर शुरू हुआ कार्रवाई का सिलसिला. कमलनाथ सरकार ने एक पुराने मामले में जांच दोबारा शुरू करने का फैसला किया. मामला था कि साल 2009 में सिंधिया ने कागजों में हेरफेर कर 6 हजार वर्गफीट जमीन बेच दी. 12 मार्च को इस शिकायत पर दोबारा ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू कर दी. लेकिन सरकार पलटी तो सिंधिया के दिन फिर पलट गए. अब प्रदेश में शिवराज की सरकार है. और शिवराज महाराज के साथ हैं. लिहाजा महाराज के खिलाफ शुरू हुए इस मामले की जांच एक बार फिर बंद कर दी गई है. यानि शिवराज में बच गए महाराज.