संविदा शिक्षक, गुरुजी, शिक्षाकर्मी यह तो अक्सर सरकार की खिलाफत करते ही रहते हैं। पर इस बार शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शिवराज सरकार की मुसीबत का सबब बन गए हैं। वजह यह है कि इस विभाग के तकरीबन 8000 अधिकारी और कर्मचारी एक साथ रिटायर हुए हैं। और सरकार के पास फिलहाल इतना बजट नहीं है कि इन्हें एकमुश्त पैसा दे सके। इसका हल निकालते हुए शिवराज सरकार ने 3 महीने की संविदा नियुक्ति की पेशकश की थी। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने इससे इंकार कर दिया। उनका तर्क है कि फिलहाल संविदा नियुक्ति की कोई शर्त भी तय नहीं हुई है ऐसे में वह सरकार के इस फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं। शिवराज सरकार का टेंशन यह है कि इतने अधिकारी और कर्मचारियों को भुगतान करने में 500 करोड़ का बोझ आएगा । जिससे प्रदेश की वित्तीय स्थिति गड़बड़ा जाएगी और फिलहाल कोरोना काल में सरकार यह बोझ झेलने की स्थिति में नहीं है ।ऐसे में सीएम शिवराज की टेंशन बढ़ना लाजमी है