मध्यप्रदेश की सत्ता पर काबिज हुए कांग्रेस से ज्यादा का वक्त हो चुका है. इस लंबी अवधि में कांग्रेस अब तक अपने लिए नया प्रदेशाध्यक्ष नहीं ढूंढ सकी है. सीएम बनने के बाद भी कमलनाथ खुद ही प्रदेशाध्यक्ष का पद संभाल रहे हैं. इस पद के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया की जद्दोजहद भी किसी से छिपी नहीं है. दूसरी तरफ कुछ कांग्रेस नेता ऐसे हैं जिनका दावा है कि कांग्रेस के पास चेहरों की कमी नहीं है. यकीन न हो तो सुन लीजिए.
बाइट- सज्जन सिंह वर्मा की बाइट- सिर्फ इतना पोरशन हमारे पास पचास चेहरे हैं. दो तीन बार रिपीट करके लगाएं.
कमलनाथ के कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का दावा है कि कांग्रेस के पास पचास पचास चेहरे हैं. इस पद पर बिठालने के लिए. लेकिन एक भी चेहरा फाइनल क्यों नहीं हो सका इसका कोई जवाब उनके पास नहीं है. होगा भी कैसे पार्टी में गुटबाजी ही इतनी है कि खुद कमलनाथ समर्थक सज्जन वर्मा ही ज्योतिरादित्य के नाम पर हामी नहीं भर सके.
तो भई ऐसे पचास चेहरों का भी क्या काम. जो पार्टी में रहें भी लेकिन पार्टी के खुद काम न आ सके या गुटबाजी के चलते एक दूसरे को ही काटते रहें.