ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उन पर प्रतिक्रिया आई. पहले दिन तो उन्होंने सिंधिया से करीबी जताते हुए यही कहा कि सिंधिया के लिए उनके घर के दरवाजे हमेशा खुले रहे. लेकिन अगले दिन जो कहा उसमें सिंधिया के फैसले से नाराजगी साफ दिखी
राहुल ने कहा कि सिंधिया ने विचारधारा को अपनी जेब में रख लिया है. लेकिन जब राहुल गांधी ने सिंधिया की विचारधारा पर सवाल उठाए. उससे पहले क्या उन्होंने अपने गिरबान में झांक कर देखा था. राहुल उसी पार्टी के आलानेताओं में शुमार हैं जिन्होंने सरकार बनाने के लिए अपनी विचारधारा से जबरदस्त समझौता किया है. महाराष्ट्र की सत्ता से बीजेपी को बाहर रखने के लिए कांग्रेस ने शिवसेना से गठबंधन किया है. शिवसेना और कांग्रेस की विचारधारा में जमीन आसमान का अंतर है. ये किसी से छिपा नहीं है. शिवसेना हिंदुत्व का झंडा बुलंद करती है और सावरकर के लिए भारत रत्न की मांग कर चुकी है. लेकिन कांग्रेस का सावरकर से छत्तीस का आंकड़ा है. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए विचारधारा को ताक पर रखने वाले राहुल गांधी आज सिंधिया के विचारधारा को जेब में रखने पर सवाल खड़े कर रहे हैं.