कांग्रेस के स्थापना दिवस पर राहुल गांधी ने आसाम में जोरदार हुंकार भरी है. ऐसे समय में जब सीएए और एनआरसी के चक्कर में आसाम उबल रहा है. उस वक्त राहुल गांधी ने रैली के लिए आसान को चुना और आरएसएस पर भी निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा नफरत और गुस्से से असम आगे नहीं बढ़ेगा. खुशी और दुख में मैं आपके साथ खड़ा हूं. आगे राहुल ने आरएसएस के लिए कहा कि असम को नागपुर नहीं चलाएगा, असम को आरएसएस की चड्डी वाले नहीं चलाएंगे. जिस वक्त राहुल ने आरएसएस को उसकी यूनिफॉर्म पर घेरा उस वक्त शायद खुद राहुल ये भूल गए कि आरएसएस से कभी कांग्रेस के नेता भी खरा खाते थे. बहुत पुराना वाक्या है. 30 अक्टूबर 1938 को तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चंद्रबोस ने एक पत्र लिखा. महाराष्ट्र प्रांत के कांग्रेस अध्यक्ष शंकरराव देव को. पत्र में चिंता जाहिर की कि आजकल छात्रों और युवाओं में आरएसएस यानि कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आकर्षण बढ़ रहा है. देव ने इस बात का गंभीरता से विष्लेषण किया और जवाब में लिखा कि आरएएस का अनुशासन, परेड और यूनिफॉर्म युवाओं को आकर्षित कर रही है. वही यूनिफॉर्म जिसमें खाकी रंग की शर्ट और खाकी चड्डा शामिल है. उसी की वजह से कभी युवा कांग्रेस छोड़ आरएसएस की तरफ जाने लगे थे. और कांग्रेस को फिक्र होने लगी थी.