अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने सबसे बड़े फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना है .पर क्या आप को पता है की अयोध्या मामले को हल करने की कोशीश सबसे पहले पूर्व PM वीपी सिंह ने की थी. अयोध्या में राम मंदिर की मांग तो बेहद पुरानी थी लेकिन बीजेपी ने अन्य हिंदू संगठनों के साथ मिलकर इस मुद्दे को हवा दी. बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी रथयात्रा पर निकले और समस्तीपुर में गिरफ्तार भी हो गए. जिसके बाद बतौर प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने अयोध्या विवाद के हल की पहली कोशिश शुरू की. उन्होंने दोनों पक्षकारों से बातचीत के सिलसिले शुरू भी कराए. मामले में समझौते को लेकर संसद में ऑर्डिनेंस लाने की तैयारी होने लगी, लेकिन सत्ता में साझीदार बीजेपी ने विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया और यह सरकार गिर गई जिस कारण सुलह की यह पहली कोशिश खत्म हो गई. विश्वनाथ प्रताप सिंह की पहचान मंडल कमिश्न की वजह से ज्यादा बनी. उस वक्त तो ये जुमला भी प्रचलित हो गया कि मंडल में कमंडल. पर अयोध्या विवाद सुलझाने में जो पहल वीपी सिंह ने की उसके बारे में लोग आज भी कम ही जानते हैं.