मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार अल्पमत सरकार है और आए दिन भाजपा के नेता सरकार गिराने की धमकी भरे बयान देते रहते हैं फिर वो नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव हों या भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय। वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ कह रहे हैं बीजेपी हमारी चिंता न करे बल्कि अपना घर सम्हाले। सूत्रों की मानें तो दोनो ही दलों के नेताओं के इस तरह के बयान का सेंटर पॉइंट हैं महाकौशल के एक विधायक…संजय पाठक। पाठक विजयराघवगढ़ से भाजपा के विधायक हैं और दर्जन भर विधायकों पर राजनैतिक प्रभाव रखते है। कांग्रेसी परिवार से संबंध रखने वाले पाठक 2013 में कांग्रेस से चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गए और बाद में भाजपा के टिकट पर विधायक और मंत्री बने। 2018 विधानसभा चुनावों के बाद अल्पमत की कांग्रेस सरकार बनने से अटकलें हैं कि कांग्रेस के नेता लगातार संजय पाठक से संपर्क में है और अगर वे राजी हुए तो बीजेपी के कम से कम आधा दर्जन विधायक इस्तीफा दे देंगे और फिर कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव लड़कर कांग्रेस को बहुमत में लाऐंगे। वही संजय पाठक पर बीजेपी के नेताओ को भी ऐसा ही भरोसा है कि संजय के कांग्रेसी बैकग्राउंड का फायदा उठाकर बीजेपी के आला नेता संजय पाठक के जरिए कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों से संपर्क कर उन्हें बीजेपी ज्वाइन करा सकते है और फिर उपचुनाव या विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान कांग्रेस की सरकार को गिराने की कोशिश की जा सकती है। लेकिन अब देखना मजेदार होगा कि क्या संजय पाठक एमपी की राजनीति के गेम चेंजर बनेंगे या नहीं।