सतना के ग्रामीण इलाकों में गैस सिलेंडर और चूल्हे कचड़े की ढेर पर पढे नजर आ रहे है, हितग्राहियो की माने तो महंगाई की मार और गैस सिलेंडर के बढ़े दाम ने चूल्हे फूकने को मजबूर कर दिया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के पीछे मंशा थी की चूल्हे से निकलने वाले जहरीले धुँए से महिलाओं को निजात दिलाया जाए,लेकिन जमीनी हकीकत में यह मंशा पूरी होती नजर नहीं आ रही है। उज्जवला योजना की जमीनी हकीकत जानने जब हम जिले के मैहर कस्बे के वार्ड नं-9 मे हितग्राहियों के घर पहुँचे तो महिलाएं अभी भी चूल्हे में ही खाना पकाती नजर आईं। महिलाओं का कहना है कि महगें सिलेंडर भरवा पाना उनके बस की बात नहीं है।