मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी को ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे की माना जाता है। मंत्री बनने के बाद से लगातार इमरती देवी सुर्खियों में बनी रही हैं। इमरती देवी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में अपनी शिक्षा 12वीं पास बताई है लेकिन उन्हें साधारण हिंदी भी पढ़ने में तकलीफ होती नजर आ रही है। इमरती देवी मंत्री पद की शपथ भी बहुत कठिनाई से पढ़ पाई थीं।
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Vo- इमरती देवी ने शिवपुरी जिले के बैराड़ में एक सभा में कहा था कि अब किसी के लीगल काम नहीं होंगे। दरअसल वो इललीगल कहना चाह रही थीं। लेकिन इमरती देवी के किस्से यहां तक ही सीमित नहीं हैं। उन्होंने तो गुना के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी को मुख्यमंत्री बनाने और ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्र सरकार में सबसे बड़ा मंत्री बनाने की कामना कर डाली। खास बात ये थी कि सिंधिया भी उसी कार्यक्रम में मौजूद थे।
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vo- और अब वो किस्सा जिसके चलते इमरती देवी वर्ल्ड फेमस हो गई हैं। वो है ग्वालियर में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम का। जिसमें इमरती देवी सीएम का संदेश पूरा नहीं पढ़ पाईं और कहा कि कलेक्टर साहब पढ़ेंगे, इमरती देवी ने माइक को ऐसे छोड़ा जैसे उसमें करंट लगा हो।
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Vo- इस बारे में जब इमरती देवी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी तबियत खराब थी इसलिए वो भाषण पूरा नहीं पढ़ पाईं। वहीं इसी कार्यक्रम में इमरती देवी उल्टी मैगजीन पढ़ती भी नजर आई थीं।
बाइट- इमरती देवी महिला एवं बाल विकास मंत्री, म.प्र.
वीओ- भाजपा इमरती देवी की खिल्ली उड़ा रही है वहीं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया इमरती देवी के बचाव में उतर आए हैं। सिंधिया का कहना है कि इमरती देवी बीमार थीं इसलिए संदेश पूरा नहीं पढ़ पाईं।
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वीओ- भाजपा जहां इमरती देवी की एजुकेशन पर सवाल उठा रही है वहीं पूरी कांग्रेस सरकार अब मंत्री इमरती देवी के बचाव में उतरती नजर आ रही है।