कहते हैं रंग हर जख्म को भर देते हैं। इसीलिए जवानों के जख्म को भरने के उद्देश्य से वीमेन्स प्रेस क्लब ने इस बार की होली सीआरपीएफ के जवानों के साथ मनाई। ताकि जवान होली का स्वागत कड़वी यादों के बजाय हवा में उड़ते गुलाल के साथ कर सकें ।सिविलियन्स के साथ होली मनाने का सीआरपीएफ का भी ये पहला मौका है। होली के रंग तिरंगे के संग थीम पर बेस्ड इस कार्यक्रम की शुरूआत सीआरपीएफ के उच्चाधिकारियों को तिलक लगा कर हुई। इस तिलक होली में सीआरपीएफ और आरएएफ के जवान भी शामिल हुए। तिलक के बाद कार्यक्रम में गीत संगीत, कविताओं का दौर भी शुरू हुआ। इस अवसर पर वीमेंन्स प्रेस क्लब की अध्यक्ष दीप्ति चौरसिया ने इस मौके पर कहा कि ‘देश की सुरक्षा में तैनात जवान और पैरामिलिट्री फोर्सेज की मुस्तैदी की वजह से ही हम महफूज हैं। उनके इस जज्बे को सलाम।‘ क्लब की सचिव शिफाली ने इस मौके पर सरहद पर तैनात जवान पर आधारित प्रेम कहानी भी सुनाई। इस दौरान सीआरपीएफ के जवानों ने भी अपना हुनर दिखाया। वीमेंस प्रेस क्लब की इस पहल पर सीआरपीएफ उच्चाधिकारियों ने कहा कि ऐसे प्रयास जवानों के जोश और जज्बे को कायम रखने में मददगार होते हैं। उन्होंने कहा कि पुलवामा घटना के बाद वीमेन्स प्रेस क्लब के साथ ये होली ही उनकी इस साल ऑफिशियल होली समारोह है और अब इसके बाद वे इस साल होली नहीं मनाएंगे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वीमेंस प्रेस क्लब की इस कोशिश ने सिविलियन्स और पैरामिलिट्री फोर्सेज के बीच होली मनाने की नई परंपरा शुरू की है और ऐसे प्रयास सरहद पर तैनात जवानों की हौसला अफजाई करते हैं।