सोमवार को विदिशा में नामांकन को लेकर पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल और कांग्रेस के बीच हाई बोल्टेज ड्रामा चलता रहा। कांग्रेस प्रत्याशी शैलेन्द्र पटेल जहां अपने नामांकन से पहले रामलीला मैदान में कार्यकर्ताओं की सभा और रैली के रूप में नामांकन भरने की तैयारी कर रहे थे ……..दुसरी ओर टिकिट न मिलने से नाराज़ पूर्व मंत्री और बरिष्ठ कांग्रेस नेता राजकुमार पटेल अपने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने नामांकन भरने की तैयारी कर रहे थे.. जब वे जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में अपना नांमाकन भरने पहुचे तो पीछे से वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी युवक कांग्रेस के नेता कुणाल चोधरी के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच गए… पचौरी और जीतू पटवारी की समझाइश के बाद राजकुमार पटेल ने अपना नामांकन जमा नहीं किया और नेताओं के साथ बाहर आ गए… इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते रहे …वहीं ये हाई वोल्टेज ड्रामा करीब तीन घंटे तक चलता रहा….जीतू पटवारी ने राजकुमार पटेल के समर्थको को समझाने की कोशिश भी की।
जीतू पटवारी ने राजकुमार पटेल और उनके बीच पारिवारिक संबंध को बताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मंशा और उनकी सोच के हिसाब से कांग्रेस चुनाव लड़ेगी….विदिशा से कांग्रेस प्रत्याशी शैलेन्द्र पटेल के साथ उनके पक्ष में राजकुमार पटेल काम करेंगे…जिसके बाद पटेल ने नामांकन दाखिल नहीं किया है।
आपको बता दें कि राजकुमार पटेल को 2009 में कांग्रेस ने विदिशा से उम्मीदवार बनाया था लेकिन पटेल ने नामांकन के दिन जानबूझकर देरी कर दी जिससे बीजेपी उम्मीदवार सुषमा स्वराज को वाकओवर मिल गया था, इसके बाद राजकुमार पटेल को कांग्रेस से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने लक्ष्मण सिंह को विदिशा से उम्मीदवार बनाया तो उनके खिलाफ भी राजकुमार पटेल निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी और उन्हें पार्टी में वापस लेकर मनाया गया था इस बार फिर 2019 के चुनाव में राजकुमार पटेल कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय परचा भरने पहुंच गए थे