2019 के लोकसभा चुनावों में पूरे देश में ही कांग्रेस की करारी हार हुई है लेकिन सूत्रों की मानें तो MP में कांग्रेस की करारी हार के लिए राहुल गांधी कमलनाथ को ही जिम्मेदार मान रहे हैं। पीसीसी अध्यक्ष रहते हुए पूरे चुनाव की कमान कमलनाथ के हाथ में थी और कहा जा रहा है कि कमलनाथ ने ही सिंधिया को एआईसीसी महासचिव बनवाकर यूपी भिजवाया और दिग्विजय सिंह को भोपाल जैसी कठिन सीट से लड़वाया वहीं अपने लिए और अपने बेटे नकुलनाथ के लिए छिंदवाड़ा की आसान सीट चुनी। सूत्रों की मानें तो प्रदेश में दिग्गी और सिंधिया जैसे दिग्गजों को हरवाने के पीछे भी कमलनाथ का हाथ माना जा रहा है और इसकी खबर राहुल गांधी को भी है। राहुल पहले भी कमलनाथ पर बेटे को टिकट दिलवाने के लिए दबाव डालने का आरोप लगा चुके हैं। अब मुद्दे की बात ये है कि राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली में क्यों रोक रखा है और क्यों कमलनाथ को दिल्ली नहीं आने दिया जा रहा है। क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया राहुल के बाद कांग्रेस की कमान संभालने वाले हैं? जैसा कि खुद राहुल ने कहा कि वे अब अध्यक्ष नहीं रहना चाहते तो सिंधिया सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बताए जा रहे हैं और अगर सिंधिया कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो वे स्वाभाविक रूप से कमलनाथ से ज्यादा पावरफुल बन जाएंगे। वैसे ये भी कहा जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बन सकते हैं। अगर ऐसा भी हुआ तो सिंधिया को प्रदेश संगठन में अपनी चलाने की छूट मिलेगी। खुद कमलनाथ समर्थक मंत्री सज्जन वर्मा भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को पीसीसी अध्यक्ष बनवाने का समर्थन कर चुके हैं। कुल मिलाकर अगर सिंधिया पीसीसी अध्यक्ष बनते हैं या राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनते हैं तो दोनों ही स्थिति में कमलनाथ से पॉवरफुल हो सकते हैं।