नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री बनाए गए प्रहलाद पटेल 16 साल बाद फिर से केंद्रीय मंत्री बने हैं। 2003 में अटल बिहारी की सरकार में प्रहलाद पटेल को कोयला राज्य मंत्री बनाया गया था। पांच बार के सांसद प्रहलाद पटेल दमोह लोकसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार जीते हैं। दमोह लोकसभा के लिए ये पहला मौका है जब इस इलाके का सांसद केंद्रीय मंत्री बना है। प्रहलाद पटेल MP की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के काफी करीबी माने जाते हैं। उमा की तरह प्रहलाद भी लोधी समाज से ताल्लुक रखते हैं। जब उमा भारती ने बीजेपी से अलग होकर ‘भारतीय जनशक्ति’ पार्टी बनाई थी तब प्रहलाद पटेल भी उमा भारती के साथ बीजेपी से अलग हो गए था हालांकि तीन साल बाद वे बीजेपी में वापस आ गए थे। प्रहलाद पटेल छात्र जीवन से ही राजनीति में एक्टिव रहे हैं। पटेल 1980 में जबलपुर की रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं। खुद प्रहलाद पटेल ने एक इंटरव्यू में बताया है कि 1980-81 के दौरान वे मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर चुके थे और डीएसपी बन सकते थे लेकिन उन्होंने राजनीति में जाना तया किया। प्रहलाद पटेल पैदल नर्मदा परिक्रमा करने वाले गिने-चुने राजनेताओं में शामिल हैं। प्रहलाद पटेल शाकाहारी और कट्टर हिंदूवादी नेताओं में शुमार किए जाते हैं। इस बार प्रहलाद पटेल को संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय का (स्वतंत्र प्रभार) दिया गया है।