मध्यप्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना शिवपुरी लोकसभा इलाके से अपनी हार अभी भी पचा नहीं पा रहे हैं। पिछले दिनों पूरे इलाके में घूम-घूम कर सिंधिया हार के कारण जानने में जुटे रहे। सिंधिया को उन्हीं के खासमखास केपी यादव ने विभीषण बनकर हरा दिया। लेकिन जानकारों का कहना है कि सिंधिया की हार के पीछे एक नहीं दो-दो विभीषण थे। केपी यादव तो घर का भेदी थे ही लेकिन वीरेंद्र रघुवंशी भी वो दूसरे विभीषण थे जिन्हें सिंधिया के सब राज मालूम थे। इसके अलावा यादव और रघुवंशी वोटरों की बहुलता भी सिंधिया की हार का कारण बनी। केपी यादव पूर्व कांग्रेसी और सिंधिया के करीबी होने के कारण उनके राज जानते थे वहीं गुना शिवपुरी लोकसभा की आठों विधानसभा सीट में यादव वोटर ज्यादा होने का फायदा उन्हें मिला। इसके अलावा कोलारस के बीजेपी के विधायक वीरेंद्र रघुवंशी भी पहले कांग्रेस में ही थे और सिंधिया के खास थे। गुना लोकसभा सीट में यादवों के बाद दूसरा नंबर रघुवंशी वोटरों का है। वीरेंद्र रघुवंशी ने सिंधिया से नाराज होकर बीजेपी ज्वाइन की थी और विभीषण की भूमिका निभाते हुए उन्हें हराने में केपी यादव को मदद की। तो गुना-शिवपुरी-अशोकनगर इलाके में इन दिनों दो विभीषणों की चर्चा जोरों पर है जिन्होंने सिंधिया महाराज की लंका लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।