लोकसभा चुनाव में अपने ही गढ़ में अपने ही प्यादे के हाथों करारी मात खा चुके महाराज श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने प्रभार वाले यूपी के पश्चिमी इलाके में भी कुछ कमाल नहीं कर पाए। कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव सिंधिया के लिए फ्लॉप शो साबित हुआ। लेकिन अब सिंधिया के सामने एक और चुनौती मुंह बाए खड़ी है। दरअसल सिंधिया के प्रभार वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है और यही सिंधिया के लिए कड़ी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। खास बात ये है कि इन छहों सीटों पर कांग्रेस का कोई वर्चस्व नहीं है। इन छह सीटों के विधायक अब सांसद बन गए हैं जिनमें से एक सपा और पांच बीजेपी के हैं। लेकिन अगर सिंधिया इन सीटों में से आधी पर भी कांग्रेस को जीत दिलवा पाते हैं तो वे पार्टी के भीतर खुद को साबित तो कर ही पाएंगे, अपना पुराना कद भी पा सकते हैं। अब देखना है कि सिंधिया इन उप-चुनावों को कितनी गंभीरता से लेते हैं या चुनावों से पहले ही रण छोड़ देते हैं।