प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले महाकाल

महाकालेश्वर मंदिर से शाम 4 बजे शुरू हुई बाबा की सवारी नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई शिप्रा नदी के लिए रवाना हुई। शिप्रा नदी के रामघाट पर जल अभिषेक के बाद सवारी पुनः महाकाल मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी। मान्यता हे की भगवान महाकाल सवारी के रूप में अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हे। वहीँ अपने राजा की एक झलक पाने के लिए प्रजा भी घंटो तक सडक के किनारे इंतजार करती हे। शाम 4 बजे पूजन के बाद राजा महाकाल को चाँदी की पालकी में बैठाकर मंदिर से बाहर लाया गया। मंदिर से निकलते ही पुलिस बैंड औऱ जवानो के  द्वारा सवारी को गार्ड आफ ओनर दिया गया । सवारी के आगे घोडा , बेंड , पुलिस टुकड़ी तथा भजन मंडलियाँ चल रही थी। गाजे बाजे के साथ निकल रही सवारी का सफ़र लगभग आठ किलोमीटर का होगा।

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