मध्यप्रदेश में बीजेपी के दो विधायकों की बगावत के बाद कई पुराने कांग्रेसियों पर पार्टी कड़ी नजर रख रही है। विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक का नाम इनमें सबसे ऊपर है। हालांकि गुरुवार को संजय पाठक प्रदेश बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे और पत्रकारों से चर्चा में कांग्रेस में जाने की बात से साफ इनकार किया था। संजय पाठक ने कहा था कि वे बीजेपी में खुश हैं और उन पर कांग्रेस में जाने का कोई प्रलोभन या दबाव नहीं है। लेकिन जानकारी मिली है कि बीजेपी कार्यालय से निकलने के तुरंत बाद संजय पाठक सीएम कमलनाथ से मिलने पहुंच गए। कैबिनेट मंत्री तरुण भनोट और उमंग सिंघार के साथ संजय पाठक कमलनाथ से मुलाकात करने पहुंचे थे। जब बीजेपी नेताओं को संजय पाठक के कमलनाथ से मिलने की खबर मिली तो तुरंत प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने संजय पाठक को पार्टी कार्यालय बुलाया और बात की। जानकारी मिली है कि संजय पाठक ने सफाई देते हुए बताया कि वे अपने इलाके के कामों के सिलसिले में कमलनाथ से मिलने गए थे लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी। गौरतलब है कि मीडिया से चर्चा में भी संजय पाठक ने स्वीकार किया था कि अभी भी कांग्रेस के नेताओं से उनके अच्छे रिलेशन हैं और रोजाना बात-मुलाकात होती रहती है। यही कारण है कि सियासी हलकों में संजय पाठक बीजेपी के कमजोर कड़ी माने जा रहे हैं और उनके कभी भी कांग्रेस में वापस लौटने की खबर हो सकती है। हालांकि ये भी जानकारी मिली है कि कांग्रेस के ही कुछ मंत्री संजय पाठक की घर वापसी के खिलाफ हैं और सीएम कमलनाथ भी उन्हें पार्टी में लेने से मना कर चुके हैं।