राजीव गांधी की आज 75 वीं जयंती है। इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं राजीव गांधी और ग्वालियर के महाराजा माधवराव सिंधिया की दोस्ती के बारे में। हालांकि दोनों ही नेताओं के बीत पारिवारिक संबंध भी रहे हैं। जवाहरलाल नेहरू ने माधवराव सिंधिया के पिता जीवाजी राव को कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ने का ऑफऱ दिया था लेकिन जीवाजी राव ने मना कर दिया इसके बाद जीवाजी राव की पत्नि यानी माधवराव सिंधिया की मां विजयराजे सिंधिया ने कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। माधवराव सिंधिया की मां विजयाराजे सिंधिया और राजीव गांधी की मां इंदिरा गांधी के बीच भी अच्छी दोस्ती थी लेकिन बाद में ये दोस्ती राजनैतिक दुश्मनी में बदल गई। हालांकि इससे माधवराव और राजीव गांधी की दोस्ती में कोई फर्क नहीं पड़ा। कहा जाता है कि राजीव की दोस्ती के चलते ही माधवराव सिंधिया अपनी मां से बगावत करके कांग्रेस में आए थे। ये भी कहा जाता है कि माधवराव सिंधिया की सोनिया गांधी से भी अच्छी दोस्ती थी, जिसके कई किस्से सियासी गलियारों में सुनाए जाते हैं। फिलहाल हम बात कर रहे हैं राजीव और माधवराव सिंधिया की दोस्ती के बारे में। राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने माधवराव सिंधिया को अपनी कैबिनेट में जगह दी और रेल मंत्री बनाया। सिसायी जानकारों का तो ये भी कहना है कि राजीव गांधी माधवराव सिंधिया को एमपी का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे लेकिन कुछ सियासी दांवपेंचों के चलते सिंधिया मात खा गए औऱ मुख्यमंत्री बनने से रह गए। संयोग ही रहा कि दोनों ही नेताओं की मौत सामान्य नहीं रही। राजीव गांधी बम ब्लास्ट में मारे गए तो माधवराव सिंधिया प्लेन एक्सीडेंट का शिकार हुए। हालांकि इन दोनों नेताओं के बेटों के बीच भी अच्छी दोस्ती है। राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिताओं की राजनैतिक विरासत को आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं।