मध्यप्रदेश में सीएम कमलनाथ को परेशान करने के लिए उनके खुद के विधायक और मंत्री कम नहीं पड़ रहे और इधर शिवराज मामा अलग नहीं मान रहे। पिछले कुछ दिनों से शिवराज देश भर के दौरे पर थे तो थोड़ी शांति थी लेकिन वापस लौटते ही शिवराज का किसान राग फिर चालू हो गया है। बुधवार को शिवराज ने इंदौर जाते समय सीहोर और आष्टा में किसानों से मुलाकात की थी और फसलों की खराबी पर मुआवजे की मांग को लेकर सरकार को घेरा था वहीं रात में वो सीहोर कलेक्टर से मिलने पहुंच गए और उनकी क्लास लगा डाली। शिवराज ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सोयाबीन की फसल का सर्वे कराने और बीमा कंपनियों से मुआवजा दिलवाने की मांग की। शिवराज ने किसानों के बिजली बिल माफ करने की भी मांग की। शिवराज ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में फसलों की बर्बादी के कारण किसान आत्महत्या करने की कगार पर हैं वहीं सरकार सर्वे भी नहीं करवा रही है। शिवराज ने सीएम कमलनाथ को भी पत्र लिखने की बात कही है वहीं अपने ट्वीट्स के जरिए सरकार की जमकर बखिया उधेड़ी है। कोई बड़ी बात नहीं अगर आने वाले कुछ दिनों के भीतर शिवराज की अगुआई में कोई बड़ा किसान आंदोलन प्रदेश में देखने को मिले। अगर ऐसा हुआ तो कर्ज माफी के बहाने किसानों को साधने में लगी कमलनाथ सरकार के सारे दांव उल्टे पड़ सकते हैं।