कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी ने भले ही अब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया की नैया पार न लगाई हो लेकिन अब बीजेपी के थिंक टैंक अमित शाह जरूर सिंधिया का बेड़ा पार करेंगे. अमित शाह सियासी बिसात के वो खिलाड़ी है जो शह मात का खेल खूब जानते हैं. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की कुर्सी हिलाना अब उनकी अगली चाल हो सकती है. वैसे भी एमपी की बिसात तो पहले से ही डगमगाई हुई है. फिलहाल यहां विकास कार्य से ज्यादा सरकार का ध्यान अपनी ही पार्टी के असंतोष को दूर करने में लगा हुआ है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक भी खामोश नहीं है. बता दें कि सिंधिया को अब तक प्रदेश में कोई अहम पद नहीं मिला है. जिसकी नाराजगी कायम है. पर अब लगता है कि अमित शाह के सहारे ही सही सिंधिया कोई न कोई मुकाम तो हासिल कर ही लेंगे. 84 के सिख दंगों की फाइल दोबारा खोलने की अनुमति देकर शाह ने पहली चाल तो चल ही दी है. इन दंगों को भड़काने के आरोप कमलनाथ पर भी लगते रहे हैं. ये फाइल खुलने से सीएम कमलनाथ की तो मुश्किलें तो अब बढ़ेंगी उनका परिवार तो पहले ही बीजेपी के निशाने पर है कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी आगस्ता वेस्टलैंड मामले में पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इस बीच ये खबर भी आ चुकी हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया, अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं. तो क्या माना जाए कि अब मध्यप्रदेश में शुरू हो चुका है शह और मात का खेल.