महाराष्ट्र में आज फैसले की घड़ी है. बीजेपी लगातार दांव पर दांव खेल रही है. और राज्यपाल से जल्द ही मुलाकात भी करने वाली है. पार्टी के इन दांवपेंचों में उलझी है शिवसेना. जो न बीजेपी के साथ फिलहाल तक सरकार बनाने के लिए राजी है और न ही अकेले सरकार बनाने का दम जुटा सकी है. केवल इतना ही नहीं अब तक शिवसेना की सरकार बनाने की हुंकार भर रही पार्टी को नया डर सता रहा है. जो उसके मुखपत्र सामना में साफ नजर आ रहा है. ये डर है थैले का. वैसे आपको बता दें कि किसी भी आम थैले से डर जाए इतनी भी कमजोर नहीं है शिवसेना. पर अगर इस थैले में हो भारी भरकम नोटों की गड्डी तो डर लाजमी ही है. शिवसेना को भी यही डर सता रहा है. पार्टी ने सामना में लिखा है कि कुछ विधायक थैले की भाषा बोल रहे हैं. लेकिन इसे पारट् में चलने नहीं दिया जाएगा. इन थैलों का डर कितना है इसका अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए कि उद्धव ने खुद ही अपने विधायकों को एक कमरे में बंद कर लिया है. जहां विधायकों को एक बैठक में नैतिकता का पाठ पढ़ाया जा रहा है. खबर है कि उन्हें बस अपनी पार्टी के लोगों और परिजनों से संपर्क करने की छूट दी गई है. दूसरी तरफ बीजेपी दांवा कर रही है कि वो शिवसेना के साथ ही सरकार बनाएगी. अब इस सियासी खेल का अंजाम क्या होता है देखना दिलचस्प होगा.