शिक्षा के निजीकरण को रोकना है। साथ ही शिक्षकों की दुर्दशा के लिए भी सरकार को जगाना पड़ेगा। ट्रायवल एजुकेशन गलत है। जिसका हम पूर्णतः विरोध करेंगे। 1998 से अध्यापक परेशान होकर सरकार के खिलाफ अपनी बात कहते आए हैं। लेकिन सरकार का इन बातों पर कोई असर नहीं पड़ा। साथ ही आज के समय शिक्षा की गुणवत्ता में जो कमी आई है। उस व्यवस्था को सुधारना होगा। साथ ही इसमें सरकार को जोड़कर बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए नए क्रियान्वयन करना होंगे। यह बात आजाद अध्यापक संघ की प्रांतीय अध्यक्ष शिल्पी सिवान ने बड़वाह स्थित फार्म हाउस में तहसील एवं जिले के शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही। श्रीमती सिवान ने शिक्षकों द्वारा लगातार किए जा रहे आंदोलन का हवाला देते हुए बताया कि सरकार अगर जल्द शिक्षकों के अधिकार और शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने पर जोर नहीं देगी तो फिर उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। संघ के शिवराज वर्मा ने बताया कि इस आयोजन में बड़वाह तहसील सहित खरगोन जिले के विभिन्न स्थानों से शिक्षक एवं शिक्षिकाएं मौजूद थे। दो अलग-अलग सत्रों में यह आयोजन संपन्न हुआ। द्वितीय सत्र में प्रशासनिक अधिकारी एवं शिक्षकों के बीच भी खुले मंच का आयोजन किया गया। जिसमे अधिकारियों ने शिक्षकों के सवालों के जवाब दिए। इस दौरान करीब 600 से अधिक शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद थे। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी केके डोंगरे सखाराम अचाले सहायक आयुक्त डामोर सहित शिक्षक शिक्षका मौजूद थे।सनावद से विवेक विद्यार्थी की रिपोर्ट