1984 के में हुए सिक्ख दंगों को भड़काने का आरोप है मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर. अक्सर ये अटकलें भी लगती हैं कि इसी केस की वजह से कभी भी मध्यप्रदेश की सरकार पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं. अगर ये घटना ही न होती तो शायद सीएम कमलनाथ इस संकट में नहीं होते. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मानें तो 1984 के दंगे टल सकते थे अगर उस वक्त इंद्रकुमार गुजराल की बात मान ली जाती. उस वक्त गुजराल केंद्रीय कैबीनेट मंत्री थे. बकौल मनमोहन सिंह जिस वक्त 1984 की घटना हुई, गुजराल का काफी उदास होकर शाम को गृह मंत्री पीवी नरसिम्हा राव के पास गए और कहा कि स्थिति काफी भयावह हो चुकी है और यह जरूरी है कि जल्द से जल्द सेना बुलाई जाए। अगर ये सलाह मान ली जाती तो शायद 1984 में जो नरसंहार हुआ था वह टाला जा सकता था.” पूर्व पीएम ने ये बाद गुजराल की सौवीं जन्मतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही. इस मौके पर मनमोहन सिंह ने गुजराल की याद में कई किस्से सुनाए कि किस तरह वो और गुजराल एक दूसरे के मित्र बने और साथ काम भी किया.