एक बंदर के लिए देश के नामी उद्योगपतियों में छिड़ी थी जंग. बिड़ला, रुंगटा माइन्स, अड़ाणी जैसे उद्योगपति मुंह मांगी रकम देने को थे तैयार. उस जंग में बिड़ला ले गए बाजी मार. अब ये बंदर बिड़ला का हुआ. अगले पचास सालों के लिए. 95 हजार करोड़ की भारी भरकम रकम अदा कर बिड़ला ने इस बंदर को अपने नाम कर लिया है. अब अगर आप ये सोच रहे हैं कि ये बंदर आखिर है क्या. तो आपको बता दें कि ये बंदर दरअसल हीरे की एक खदान है. मध्यप्रदेश सरकार ने जिसकी नीलामी रखी थी. इस नीलामी में बड़े बड़े उद्योगपतियों ने बड़ी बड़ी बोली लगाई. लेकिन बिड़ला की ने जीत हासिल की.
बाइट- प्रदीप जायसवाल, खनिज मंत्री, मप्र