महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी कैबिनेट का विस्तार किया तो उनके लिए ऑफिशयल चैंबर का इंतजाम करना ही होगा. कैबिनेट विस्तार के बाद मंत्रियों को मंत्रालय में कमरे आवंटित करने का काम भी शुरू हो गया. धड़ाधड़ कमरे अलॉट हुए. लेकिन जैसे ही कमरा नंबर 602 का जिक्र आया. सारे मंत्री पीछ हट गए. वजह है इस कमरे से जुड़ा एक अंधविश्वास. माना जाता है कि जो भी इस कमरे को लेता है उसका कार्यकाल पूरा नहीं हो पाता. किसी कारण से या तो उसका पद छिन जाता है या जीवन ही खत्म हो जाता है. साल 2014 में ये कमरा तत्कालीन कैबिनेट मंत्री एकनाथ खडसे को दिया गया था. दो साल में ही खडसे का नाम घोटाले में फंसा और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद केबिन पांडुरंग फुंडकर को दिया गया. दो साल बाद हार्टअटैक से मौत हो गई. उसके बाद से ये कमरा खाली है. मंत्रियों ने भी इससे दूरी बना ली है.