कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने मंच से चिल्ला चिल्ला कर कहा था कि मेरा नाम राहुल गांधी है राहुल सावरकर नहीं. इस बात से साफ है कांग्रेस का रूख सावरकर के लिए किस तरह का है. इस बार फिर कांग्रेस के कार्यक्रम में सावरकर के नाम पर सवाल उठाए गए हैं. ये कार्यक्रम था कांग्रेस सेवादल का. भोपाल के नजदीक बैरागढ़ में इस कार्यक्रम का आगाज किया कांग्रेस नेता अरूण यादव ने. कार्यकर्ताओं ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. अरूण यादव ने सेवादल को कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी बताया तो सेवादल के अध्यक्ष लालजी देसाई ने आरएसएस को जम कर कोसा और कहा कि संघ देश को बांटने का काम कर रहा है. इसी कार्यक्रम में कुछ साहित्य भी रखा गया. जिसमें नेहरूजी, भगत सिंह, सुभाषचंद्र बोस पर किताबें थीं. सम्मान के साथ उनके नाम का टाइटल लिखा हुआ था. किताबों की इसी भीड़ में एक किताब थी सावरकर पर. एक सवाल के साथ वीर सावरकर कितने वीर. किताब के टाइटल से साफ है कि किताब के भीतर भी सावरकर के लिए कुछ सम्मानजनक शब्द मिलना मुश्किल है. अब सावरकर के सम्मान के लिए बीजेपी क्या कदम उठाती है देखना दिलचस्प होगा.