एक तरफ सरकार आदिवासियों के लिए तरह-तरह की योजना चलाकर देश की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है वहीं दूसरी तरफ अफसरशाही सरकार की योजनाओं को आदिवासियों तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं। भले ही प्रदेश में सरकार बदल गई हो,मगर सरकारी ढर्रा आज भी पुराना ही है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है रायसेन जिले के सांची विकासखंड के ग्राम पंचायत खोहा का। यहां की आदिवासी सरपंच 5 साल से सिर्फ नाम की ही सरपंच हैं।जाली सिग्नेचर से लेकर सारा काम तो सचिव और सहायक सचिव की सांठगांठ से होते हैं ।