सिंधिया ने शायद कमलनाथ की चुनौती को स्वीकार नही किया। सिंधिया की धमकी पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सीधे सीधे चुनौती दी थी कि उतर जाए सिधिंया मैदान में लेकिन लगता है सिंधिया की धमकी धमकी नही केवल गीडद भभकी थी। सरकार को चेताने के पांच दिन बाद भी सिंधिया कही नही पंहुचे। अतिथि विद्वानो ने तो सिंधिया का इंतजार करते करते मुंडन कराना शुरू कर दिया। लेकिन महाराज का अता पता नही । ये बात और है कि महाराज के मामले को तूल देने के बाद विपक्षी दलो के नेताओ को अतिथि विद्वानो के पांडाल में जाना फिर से शुरू हो गया है। देखिए क्या चल रहा है अतिथि विद्वानो के धरने प्रदर्शन की जगह ।