कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के हॉर्स ट्रडिंग वाले बयान पर प्रदेश की सियासत में खलबली मची हुई है. दिग्विजय सिंह ने खुलेआम ये आरोप लगाया है कि बीजेपी कांग्रेस विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है. इस आरोप पर बीजेपी का बौखलाना लाजमी था. तुरंत नरोत्तम मिश्रा ने बयान जारी किया और दिग्विजय सिंह के आरोपों को बेबुनियाद बताया. लेकिन दिग्गी को जो आग लगानी थी वो तो लग ही चुकी थी. सियासी हलकों में कानाफूसी होने लगी. मुख्यमंत्री कमलनाथ भी दिग्विजय सिंह के आरोपों से सहमत नजर आए. और कह दिया कि विधायक पैसे तो ले ही लें. सीएम ने ये भी कहा कि हम भी बीजेपी विधायकों से संपर्क में हैं. लेकिन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के तेवर कुछ और ही कह गए. इस मामले पर जब सवाल हुआ तब उन्होंने न हां कहा न ना कहा. पर जो कहा उसे सुनकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो दिग्विजय सिंह से सहमत नहीं हैं. अब सिंधिया ने तो एक बार फिर ये जाहिर कर दिया कि पार्टी के दोनों आला नेताओं से उनकी राय नहीं मिलती है. इस बात से बीजेपी जितनी खुश होगी कांग्रेस उतनी ही परेशान क्योंकि सरकार में उनके विधायकों की गिनती भी कम नहीं है.