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ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों के साथ जो लोग कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए उनमें बिसाहू लाल सिंह भी एक अहम नाम है। वैसे बिसाहू लाल सिंह ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक नहीं है। लेकिन कमलनाथ सरकार में अपनी अनदेखी से नाराज थे। वह मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे। पार्टी के वरिष्ठ विधायक रहे फिर भी मंत्रिमंडल में उनकी अनदेखी की गई । इस बात से नाराज बिसाहू ने सिंधिया समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़ दी थी। बीजेपी में भी उन्हें यही आश्वासन दिया गया कि उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। पर अब अपने पुराने नेताओं को साधने के लिए बीजेपी बिसाहू लाल को धोखा दे सकती है। सियासी गलियारों में ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि बीजेपी अपने वरिष्ठ नेता जैसे गोपाल भार्गव, भूपेंद्र साहू , गौरीशंकर बिसेन इन सब को साधने के लिए कांग्रेस से आए ऐसे नेताओं की छटनी करेंगे जिन पर सिंधिया का हाथ नहीं है । उनमें से एक नाम बिसाहू लाल सिंह का है। याने यह संभावना है कि सिंधिया समर्थक ना होने की वजह से उन शर्तों के तहत ना माना जाए। जिसके तहत कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी ज्वाइन की थी। याने बिसाहू कांग्रेस में भी नुकसान में थे और बीजेपी में भी नुकसान में ही रह सकते हैं।