बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन से लेकर एनडीए सभी गठबंधन कई उतार चढ़ाव देख रहे हैं. हाल ही में एनडीए के घटक दल रही लोक जनशक्ति पार्टी के नेता राम विलास पासवान ने बड़ा बयान देकर बीजेपी और जेडीयू दोनों को चौंका दिया. पासवान के इस बयान के पीछे जेडीयू और एलजेपी में आई कढ़वाहट को वजह माना जा रहा है. दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर तनातनी चल रही है. पिछले चुनाव में सिर्फ दो सीट जीतने वाली पासवान की पार्टी एलजेपी इस बार 94 सीटों से चुनाव लड़ना चाहती है. जबकि पिछले चुनाव में एलजेपी 42 सीटों पर ही चुनाव लड़ी थी. इतनी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले के चलते दोनों रीजनल पार्टीज में मतभेद है. जिसके चलते एलजेपी ने अब अपनी अलग राह चुन ली है. हाल ही में पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने बड़ा फैला लिया है. एक मीटिंग के बाद चिराग की अगुवाई ने पार्टी ने 94 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया और ये भी साफ कर दिया कि कोई भी फैसला लेने के लिए लोक जनशक्ति स्वतंत्र है. जिसके बाद से बिहार में सियासी पारा हाई है. आपको बता दें कि अभी बिहार में जेडीयू के नीतीश कुमार सीएम हैं. लेकिन ये मिलीजुली सरकार है जिसमें बीजेपी और एलजेपी के विधायक भी शामिल हैं. हालांकि एलजेपी शुरू से एनडीए का हिस्सा रही है. पर पिछले चुनाव में सियासी समीकरण अलग थे. उस वक्त नीतीश अपनी पार्टी के साथ महागठबंधन का हिस्सा थे. बाद में एनडीए के साथ जुड़े. लिहाजा इस बार नीतीश भी एनडीए के साए में ही चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में एलजेपी का ये फैसला लेना बीजेपी के लिए चिंता की बात है. फिक्र ज्यादा इसलिए है क्योंकि चिराग पासवान के फैसले पर केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति के संरक्षक रामविलास पासवान ने भी मुहर लगा दी है. जिससे ये तो साफ हो ही गया है कि चुनाव तक बिहार में अभी और चुनावी उठापटक होना है.
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