प्याज के बाद आलू की कीमतें आसमान छ रही हैं. कहीं पर आलू पच्चीस रुपये किलो है तो कहीं आलू की कीमत तीस रूपए पार कर चुकी है. लेकिन आलू इस बार भोला भोला नहीं है. जो जल्दी मान जाए. प्याज की तरह आलू पूरे नखरे दिखाने के मूड में है. उस पर मौसम ने भी आलू का मूड ऑफ कर दिया है. जिसकी वजह से ऐसी आशंका है कि आलू के भाव जल्द नीचे आने वाले नहीं है. बादल वाला मौसम और कोहरे के साथ पड़ रही गलन से आलू फसल पर खतरा बढ़ गया है. सावधानी नहीं बरती गई तो फसल झुलसा रोग के जद में आएगी. इससे फसल बर्बाद व उत्पादन प्रभावित होगा. ऐसे में किसानों को फसल की देख-रेख में सावधानी बरतते हुए बचाव के लिए दवाओं का सुरक्षात्मक छिड़काव करना होगा. विशेषतज्ञों के मुताबिक बदलीयुक्त मौसम, बूंदा बांदी व नम मौसम में झुलसा रोग तेजी के साथ फैलता है. अगर यह स्थिति लंबे समय तक रही तो खेत आलू के कब्रिस्तान जैसे दिखने लगेंगे. जिसके बाद आलू के भाव कम होना और मुश्किल होगा.