शुक्रवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट में कुछ नई बातें देखने को मिलीं। देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने पुरानी पंरपराएं तोड़ते हुए बजट को ब्रीफकेस के बजाय लाल मखमली कपड़े में लपेटकर संसद में प्रवेश किया। पुराने वित्त मंत्री पारंपरिक भूरे रंग के ब्रीफकेस में बजट के दस्तावेज लाते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। इस बार का बजट राष्ट्र चिन्ह लगे हुए लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ था। मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने पारंपरिक ब्रीफकेस के बजाय लाल कपड़े में लिपटी बजट की कॉपी को पारंपरिक बही-खाता का नाम दिया। सुब्रमण्यम के मुताबिक ब्रीफकेस पश्चिमी सभ्यता का प्रतीक है जबकि लाल कपड़े में लिपटा ये बजट पश्चिमी सभ्यता से हमारी आजादी का प्रतीक है। यह बजट नहीं बल्कि बहीखाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने अपना पूरा बजट भाषण तो अंग्रेजी में दिया लेकिन उन्होंने संस्कृत में चाणक्य नीति भी बतायी साथ ही उर्दू में शेरोशायरी भी की इसके अलावा इनकम टैक्स की चर्चा करते हुए हाथी और खेत की कहानी सुनाई। बजट भाषण के दौरान पूरे सदन ने डेस्क थपथपाया। दो घंटे 15 मिनट के भाषण के दौरान 80 से 90 मौके ऐसे मौके ऐए जब पीएम मोदी के साथ सदन ने डेस्क थपाथपाया। निर्मला सीतारमण के बजट को बही-खाता कहे जाने की हर तरफ तारीफ हो रही है। लोग ट्वीट करके उन्हें बधाई दे रहे हैं, एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और दिग्विजय सिंह ने भी बजट को बही-खाता कहे जाने का स्वागत किया है।