मध्य प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद यूरिया पर सियासत शुरू हो गई है. दरअसल प्रदेश के कई जिलों में यूरिया का संकट पैदा हो गया है. इसी यूरिया की किल्लत के चलते प्रदेश के कई जिलों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस के मुताबिक मध्य प्रदेश में सरकार आते ही यूरिया की आवक घट गई है. जिसे देखते हुए सरकार ने वास्तविक स्थिती का पता लगाने के लिए अधिकारीयों को निर्देष दिए जब अधिकारीयों ने संयुक्त छापामार कार्यवाही की तो समिती में स्थित उर्वकर का स्टॉक नहीं मिला . जिसके बाद अधिकारीयों ने उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 35 का उल्लंघन माना गया . और भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानेष्वर पाटील ने सरकार और प्रशासनिक अधिकारीयों पर यूरीया का सही रखरखाव ना करने का आरोप लगाया . बुराहन पुर से गोपाल देवकर की रिपो्र्ट
बाईट 02 जे एल बर्डे, उपायुक्त सहकारीता विभाग