17 दिसंबर से शुरू होने जा रहे मप्र विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस ने अपने हथियार निकाल लिए हैं… यूरिया और कमलनाथ के माफियाओं पर कार्रवाई के कारण सत्र में जोरदार हंगामा होना लाजमी है…कांग्रेस जहां केन्द्र के पैसे नहीं मिलने के कारण भाजपा का विरोध करने की नीति पर हमलावर रहेगी… वहीं भाजपा भी कई मुद्दों पर कांग्रेस को घेरने की योजना बना रही है…कुल मिलाकर सत्र के पूरे दिन भी हंगामेदार रहने की पूरी पूरी संभावना है… वहीं पिछले विधायकों के निकाली और फिर वापसी भी सत्र में गर्मी का कारण बनेंगे…भाजपा भी अपने विधायकों की गिनती पर नजर रहेगी… पिछली बार दो विधायक कांग्रेस सरकार समर्थन कर चुके हैं… वहीं कांग्रेस ने भी सपा बसपा विधायकों को साधना शुरू कर दिया है… देखना होगा कि कमलनाथ और गोपाल भार्गव अपने विधायकों को कैसे साधते हैं…