द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान फ्लोरेंस नाइटेंगल नाम की एक नर्स ने अपनी जो सेवाएं दी थी उन्हीं के सम्मान में तब से यह दिवस मनाया जाता रहा है आज भी लगभग विश्व युद्ध जैसी ही स्थिति पूरी दुनिया के सामने हैं. और एक बार फिर मेडिकल प्रोफेशन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी नर्स दुनिया को बचाने के लिए सबसे आगे आए कोरोना वायरस के संकट काल में जब मरीज के पास जाने से परिवार के लोग मना कर देते हैं ऐसी स्थिति है .जबकि उसकी खुद की जिंदगी खतरे में होती है .इसलिए नर्स का काम किसी सैनिक से कम नहीं है .नर्स का सम्मान वीर सैनिकों जैसा होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ समाज का एक छोटा सा संगठन सामने आया और उसने जबलपुर में नर्सों का सम्मान किया यह कोई पहला मौका नहीं है .जब मेडिकल प्रोफेशन की इस सबसे महत्वपूर्ण कड़ी ने समाज को बचाया है .बल्कि इसके पहले भी हर गंभीर मौके पर नर्स ही होती है जो मरीज को बचाने के लिए पूरी ईमानदारी से कोशिश करती है . जबलपुर से सुमित शर्मा कि रिपोर्ट