भारत और विश्व के एथलेटिक जगत में इन दिनों हिमा दास (Indian Sprinter Hima Das) का नाम छाया हुआ है। पीटी ऊषा के बाद हिमा दास (Hima Das) को भारत की गोल्डन गर्ल (Golden Girl Of India) और स्टार एथलीट का नाम दिया गया है। महज 19 साल की उम्र में हिमा दास (Hima Das) ने 19 दिनों के भीतर विश्व की जानी-मानी एथलेटिक्स ईवेंट्स में 5 गोल्ड मैडल जीतकर भारत का नाम रौशन किया है। (President of India) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Of India Narendra Modi) ने ट्वीट करके हिमा दास को बधाई दी है। सबसे पहले हिमा दास ने 2 जुलाई को पोलैंड में पोजनान एथलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स (poznan athletics grand prix) में 200 मीटर रेस में गोल्ड मैडल जीता था। हिमा ने दूसरा गोल्ड पोलैंड में ही कुटनो एथलेटिक्स मीट (kutno athletics meet) में हासिल किया। हिमा दास को तीसरा गोल्ड चेक गणराज्य में हुई क्लांदो मेमोरियल एथलेटिक्स मीट Clando Memorial Athletics में हासिल हुआ। इसमें भी हिमा दास ने 200 मीटर रेस में हिस्सा लिया था और 23.43 सेकंड का समय निकाला था। चौथा गोल्ड भी हिमा दास ने चेक रिपब्लिक में ही 17 जुलाई को हुई ताबोर एथलेटिक्स मीट में 200 मीटर की रेस को 23.25 सेकंड में पूरा करके हासिल किया था। पांचवा गोल्ड हिमा दास को 20 जुलाई को चेक रिपब्लिक में ही 400 मीटर की रेस में हासिल हुआ। आइए जानते हैं कौन हैं हिमा दास?
हिमा दास का जन्म 9 जनवरी 2000 को असम के नौगांव जिले के धिंग गांव में हुआ था। हिमा के पिता का नाम रंजीत दास और मां का नाम जोमाली है। जानकारी के मुताबिक हिमा के पिता एक साधारण किसान हैं और उनके पास सिर्फ 2 बीघा जमीन है जिस पर वह चावल उगाकर अपने 16 सदस्यों के परिवार का पेट पालते हैं। हिमा के पांच भाई बहन हैं। बचपन में हिमा अपने गांव के स्कूल में लड़कों के साथ फुटबाल खेलती थीं और स्ट्राइकर बनना चाहती थीं। लेकिन जवाहर नवोदय विद्यालय के पीटी टीचर की सलाह पर उन्होंने एथलेटिक्स में ध्यान देना शुरू किया। इंटर डिस्ट्रिक्ट प्रतियोगिता में दौड़ते देख कोच निपुण दास की नजर हिमा पर पड़ी और उन्होंने हिमा को अपने गांव से लगभग 150 किलोमीटर दूर गुवाहाटी आने के लिए प्रेरित किया। असम में आई बाढ़ के बाद हिमा दास ने 17 जुलाई को अपनी आधी कमाई असम में बाढ़ सहायता के लिए दे दी।