मध्यप्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है। मध्यप्रदेश में राजनीति की थोड़ी सी भी समझ रखने वाला व्यक्ति MP कांग्रेस के धड़ों को जानता है। चुनाव के मौकों पर कांग्रेस की ये अंदरूनी राजनीति और गुटबाजी और तेज हो जाती है। अगर कहा जाए कि MP की कांग्रेस तीन प्रमुख धड़ों ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह में बंटी हुई है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। हालांकि पिछले कुछ दिनों से या कहें कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से बाकी के दो धड़े साइडलाइन नजर आ रहे हैं। दिग्विजय सिंह को कमलनाथ ने भोपाल लोकसभा के चक्रव्यूह में फंसा दिया है वहीं सिंधिया को महासचिव बनवा के दिल्ली भिजवा दिया गया है। काफी अरसे से सिंधिया प्रदेश के राजनैतिक परिदृश्य से गायब हैं। यहां तक कि MP कांग्रेस के चुनावी ‘देश के दिल से दिल्ली तक अब कांग्रेस’ से सिंधिया की तस्वीर नदारद है। गुना सीट से अभी तक सिंधिया के नाम की घोषणा नहीं होने से भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार सिंधिया को टिकट मिलेगा भी या नहीं। पिछले कई दिनों से शिवपुरी और गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी पत्नी प्रियदर्शिनी काफी सक्रिय थे लेकिन अब कुछ दिनों से वे जनता के बीच भी नजर नहीं आ रहे हैं। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश में सिंधिया के खिलाफ साजिश रचकर उन्हें प्रदेश की राजनीति से दूर किया जा रहा है। जिस तरह से बातें सामने आ रही हैं उससे तो यही लगता है कि जरूर सिंधिया के खिलाफ MP में कोई तगड़ी राजनैतिक साजिश हो रही है।