कांग्रेस आई बिजली गई। जी हां पहले कभी इस तरह के नारे राजनैतिक दल कांग्रेस के खिलाफ लगाया करते थे लेकिन अब मध्यप्रदेश का यही हाल है। प्रदेश में कांग्रेस अपनी नई नवेली सरकार का जश्न भी ठीक से नही मना पाई थी लोकसभा चुनाव के नतीजे और अब प्रदेश में लगातार हो रही बत्ती गुल ने सरकार में अच्छों अच्छों की नींद उडा दी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अफसरों को जमकर फटकार लगाई…. कमलनाथ समझ नहीं पा रहे कि प्रदेश में सरप्लस बिजली है फिर कटौती क्यों…
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अफसरों को दो टूक कहा कि
1-चुनाव के बाद से कई जगहो पर बिजली कटौती की
शिकायतें मिल रही हैं जिम्मेदार अफसरों पर कड़ी
कार्रवाई होगी
2- बिजली गुल होने पर जिम्मेदार अधिकारियों के फोन नहीं
उठाने के मामले भी सामने आ रहे हैं
3- तकीनीक खराबी, फाल्ट ट्रिपिंग जैसे मामले सामने
आने पर जल्दी से जल्दी निपटारा करें
4- आला अधिकारी खुद फील्ड में जाकर कटौती का जायजा लें
5 प्रदेश की आम जनता को 24 घंटे बिजली सप्लाई की जाए
मुख्यमंत्री बिजली के मामले में अब खुद मैदान में है… और बिजली सप्लाई से जुड़े हर मामले का निराकरण वो खुद करेंगे… दरअसल बिजली गुल होने पर सोशल मीडिया पर कटाक्षों के बाद सरकार हरकत में आई और ये फैसले लिए… लेकिन अब ये सबसे बडा सवाल यही है कि अधिक बिजली के बाद भी कटौती क्यों… क्या बिजली अफसर कमलनाथ की नहीं सुन रहे… दऱअसल सबसे पहले बिजली कटौती पर सरकार ने 700 से ज्यादा अफसरों को सस्पेंड किया था लेकिन अब सब बेअसर क्यों साबित हो रहा है…. कमलनाथ को अफसरों की मनमानी पर खुद मैदान में आना पडा….लगता है कमलनाथ अपनी ही सरकार में अफसरो के सामने लाचार साबित हो रहे हैं… बहरहाल सरकार और अफसरों की इस खींचतान में प्रदेश की जनता भरी गर्मी में बिजली कटौती से जूझ रही है….