लोकसभा चुनावों में करारी और अप्रत्याशित हार के बाद कांग्रेस में हाहाकार मचा हुआ है। पूरी पार्टी इस समय सन्निपात और अवसाद की स्थिति में नज़र आ रही है। अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हैं। सेकेंड लेवल के पदाधिकारी कुछ कहने और करने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में प्रियंका वाड्रा ने मोर्चा संभाला और हार का ठीकरा प्रदेश के पदाधिकारियों पर फोड़ने की तैयारी की जा रही है। प्रियंका ने राजस्थान में हार के लिए अशोक गहलोत और सचिन पायलट से जवाब तलब किया है। राहुल गांधी पहले ही कमलनाथ, गहलोत और चिदंबरम पर वंशवाद के आरोप लगा चुके हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया हार के बावजूद गुना-शिवपुरी के लोगों को धन्यवाद कहने के लिए जाने वाले थे लेकिन उन्हें दिल्ली में ही रोक लिया गया है। माना जा रहा है कि बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय और प्रादेशिक संगठन में फेरबदल हो सकती है। वहीं एमपी के सीएम कमलनाथ को प्रदेश में ही रुकने के लिए कहा गया है क्योंकि कांग्रेस को ये भी डर है कि लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद बीजेपी एमपी में हॉर्स ट्रेडिंग करवा सकती है। पश्चिम बंगाल में TMC और वाम दलों के विधायकों और पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने के बाद तो कांग्रेस और भी ज्यादा डरी हुई है। भले ही एमपी कांग्रेस के नेता बहुमत और फ्लोर टेस्ट में जीत के दावे कर रहे हों लेकिन कमलनाथ को प्रदेश में रुकने के निर्देश से कांग्रेस के डर का साफ अनुमान लगाया जा सकता है। कांग्रेस में हार के बाद इस्तीफों का भी दौर चल रहा है वहीं बैठकें लेकर हार की जिम्मेदारी तय करने और कारण खोजने की भी कवायद हो रही है। लोगों का कहना है कि हार के बाद कांग्रेस में जितना हाहाकार इस बार मचा हुआ है उतना पहले कभी नहीं था। अब देखना है कि इस हाहाकार का कुछ सार्थक परिणाम निकलेगा या वही ढाक के तीन पात ही होंगे।