देश में BJP और NDA ने जीत का रिकॉर्ड कायम करते हुए दोबारा सत्ता हासिल की है। हालांकि इस लोकसभा चुनाव को देश में एक विचारधारा की जीत के रूप में देखा जा रहा था लेकिन NDA का Leader चुने जाने के बाद अपने पहले भाषण में नरेंद्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास के नारे को साथ लेकर चलने की बात कही है। अल्पसंख्यकों और खासतौर पर मुसलमानों का जिक्र करते हुए मोदी ने साफतौर पर कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने अल्पसंख्यकों को डर में जीने पर मजबूर किया। मोदी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के साथ किए गए छल में भी छेद करना है। हालांकि अभी भी मुस्लिम बहुल इलाकों में BJP को बहुत ज्यादा वोट या जीत हासिल नहीं हुई है लेकिन जानकारों का कहना है कि इसके बावजूद नरेंद्र मोदी न केवल अल्पसंख्यक समुदाय को देश के विकास की मुख्यधारा में शामिल करना और रखना चाहते हैं बल्कि अल्पसंख्यकों खासतौर पर मुसलमानों के मन में BJP और नरेंद्र मोदी को लेकर बनी छवि को भी सुधारना चाहते हैं। अगर देखा जाए तो NDA के पिछले कार्यकाल में भी अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए कई योजनाओं पर काम किया गया था और बहुत लोगों को इसका फायदा भी मिला था। लेकिन बीजेपी से जुड़े हुए कई आनुषांगिक दलों के क्रियाकलाप अभी भी अल्पसंख्यकों के मन में BJP के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर डेवलप नहीं कर पाए हैं। अब देखना है कि दूसरी पारी में नरेंद्र मोदी इस नकारात्मक छवि को कितना सकारात्मक बना पाते हैं या जीत के जोश में BJP और उससे जुड़े हिंदूवादी संगठन नरेंद्र मोदी के इस प्रयास में पलीता लगाते हैं।