त्तीसगढ़ में शिक्षण संस्थान दयनीय हाल पर हैं। कहीं स्कूल का भवन ही गरने की हालत में है तो कहीं पर हॉस्टल में रह रहे बच्चों से मजदूरों के समान काम कराया जा रहा है। हाल ही में कोयलीबेड़ा के आवासीय विद्यालय में बच्चों से ट्रक में आई किताबें खाली करवाने का मामला सामने आया है। इन बच्चों में शिक्षक के प्रति इतना खौफ था कि बच्चे शिक्षक का नाम तक नहीं बता सके। पर सवाल यह उठता है कि आखिर उज्जवल भविष्य की तलाश में अपने माता पिता से दूर रह रहे इन बच्चों के भविष्य के साथ खेलने का अधिकार शिक्षकों को किसने दे दिया। और इन शिक्षण संस्थानों की लचर व्यवस्था पर जिम्मेदार अधिकारी कब जागेंगे।