इंदौर के बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय का बल्ला कांड अभी पुराना नहीं हुआ है। दरअसल गंजी कंपाउंड के एक जर्जर मकान को तोड़ने के लिए पहुंचे नगर निगम के अधिकारियों को रोकने विधायक आकाश विजयवर्गीय पहुंच गए थे और अधिकारियों के नहीं मानने पर उन्होंने बल्ला चला दिया था जिसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था। वहीं गंजी कंपाउंड के उस जर्जर मकान में रहने वाला किरायदार नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट पहुंच गया था और राहत की मांग की थी। मंगलवार इंदौर हाईकोर्ट में जस्टिस रोहित आर्या की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट पुष्यमित्र भार्गव और नगर निगम की ओर से एडवोकेट ऋषि तिवारी ने अपने-अपने तर्क रखे। जिसके बाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि नगर निगम दो दिन के भीतर किराएदार को 3 महीने तक रहने की अस्थायी वैकल्पिक व्यवस्था करे। इसके बाद नगर निगम अपनी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है। इसका मतलब है कि तीन महीने के लिए नगर निगम किराएदार के रहने की वैकल्पिक व्यवस्था करा देता है तो वह मकान तोड़ सकता है। यानि दो दिन के बाद आकाश विजयवर्गीय के मामले में सुर्खियों में आया गंजी कंपाउंड का मकान टूटना तय है।