मध्यप्रदेश में बिजली संकट कांग्रेस सरकार का पर्याय बनता जा रहा है। लोगों ने मान लिया है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ गई है इसलिए बिजली गुल होना लाजमी है। कुछ यही स्थिति जल संकट को लेकर भी बन रही है। प्रदेश के कई इलाकों में गर्मी के दिनों में पानी-बिजली की परेशानी लोगों में आक्रोश का कारण बन रही है। कई जगहों पर लोगों का गुस्सा बिजली कर्मचारियों पर निकल रहा है। वहीं बीजेपी अब प्रदेश सरकार की नाकामी साबित करने के लिए बड़ा आंदोलन करने की फिराक में है। बीजेपी के विधायक और पार्षद अब प्रदेश के लगभग हर इलाके में कमलनाथ सरकार के खिलाफ बिजली और पानी की समस्या को लेकर आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। भोपाल के कोलार इलाके में बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी प्रदेश सरकार को लेटर लिखकर बिजली सरप्लस होने पर भी कटौती किये जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। भार्गव ने प्रदेश सरकार पर बिजली बेचने के भी आरोप लगाए हैं। कुल मिलाकर प्रदेश में बिजली पानी की कमी को लेकर कमलनाथ सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है। खुद सीएम कमलनाथ अधिकारियों की बैठक ले रहे हैं और जनता को बिजली पानी के संकट से जल्द से जल्द निजात दिलाने के दावे-वादे कर रहे हैं लेकिन लगता है कि बारिश से पहले जनता को निजात नहीं मिलेगी और बीजेपी इसे सरकार की नाकामी के रूप में जनता के सामने लाने की कोशिश करेगी।