होली के त्योहार के एक दिन पहले किया जाने वाला होलिका दहन सिर्फ एक परंपरा नहीं है बल्कि जानकारों का कहना है कि होलिका आने वाले समय की भविष्यवाणी भी करती है। होलिका की अग्नि को अगर गौर से देखा जाए तो अगला एक साल देश और समाज के लिए कैसा रहेगा आप यह खुद जान सकते हैं। जरूरत सिर्फ इस बात पर नजर रखने की है कि होलिका की आग और धुआं किस दिशा में जा रहा है। आइए हम आपको बताते हैं कि होलिका की आग और धुआं किस दिशा में जाने से क्या भविष्य फल हो सकता है
होलिका से कैसे जानें भविष्य-
धुआं सीधे ऊपर आसमान की ओर जाना- परिवर्तन का संकेत। सत्ता में बदलाव। समाज और राजनीति में परिवर्तन। नई सत्ता आने का संकेत।
1. अगर होलिका दहन के समय धुआं सीधा आकाश की ओर जाने लगे तो यह बदलाव का सूचक है। यह संकेत है कि जिस व्यक्ति और शासक का वर्चस्व समाज और राजनीति में है उसकी सत्ता जाने वाली है। नई सत्ता और नई सरकार आने वाली है।
उत्तर दिशा की ओर धुआं और आग जाना- बहुत ही शुभ संकेत। आर्थिक उन्नति और धन लाभ होने की संभावना। सुख-समृद्धि मिल सकती है।
2. होलिका दहन के समय हवा उत्तर की ओर से चलने लगे तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है। इसे धन की दिशा भी कहा गया है। माना जाता है कि इससे पूरे साल आर्थिक क्षेत्र में उन्नति होगी। धन और सुख बढ़ेगा।
दक्षिण दिशा की ओर धुआं और आग जाना- अपशकुन का संकेत। फसलों का नुकसान। आर्थिक हानि। महंगाई बढ़ने की संभावना। सत्ता भंग, विद्रोह, जनहानि की संभावना।
3 .अगर होलिका दहन के समय दक्षिण दिशा की हवा चले तो यह अपशकुन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे फसलों का नुकसान होगा। मंहगाई बढ़ती है और राज्य की सत्ता भंग होती है। जन विद्रोह होता है।
पूर्व दिशा की ओर धुआं और आग जाना- अच्छा शगुन। खुशहाली और समृद्धि का संकेत। राजा और प्रजा सभी के लिए खुशहाल होगा आने वाला समय।
4.शास्त्रों में कहा गया है कि होलिका दहन के समय हवा अगर पूर्व दिशा से चले यानी पुरवाई चले तो यह बड़ा ही अच्छा शगुन होता है। पूर्व दिशा को देवताओं की दिशा कहा गया है माना जाता है कि इससे साल खुशहाली भरा रहेगा। राजा प्रजा सभी के लिए साल सुखद होगा।
पश्चिम की ओर धुआं और आग जाना- अच्छा शगुन नहीं माना जाता। कृषि की हानि का संकेत। सुख और समृद्धि में कमी, धन की हानि का संकेत
पश्चिम दिशा से होलिका दहन के समय हवा चलने लगे तो यह भी अच्छा शगुन नहीं माना जाता है। इसकी वजह यह है कि इससे कृषि की हानि होती है। बेकार खर पतवार की वृद्घि का योग माना जाता है।
यह भविष्य संकेत आलेख निर्णय सिंधु नामक ग्रंथ से लिए गए हैं।